अनिल कुमार मांद्रे
धर्मांतरण पर चिंता, सनातन पथ पर चलने का दिया संदेश
बैतूल। मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा 1 जनवरी 2025 नववर्ष के उपलक्ष्य मे कस्तूरी बाग मैरिज लॉन में सुबह 9 से 1 बजे तक आध्यात्मिक सत्संग समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मानव उत्थान सेवा समिति शाखा बैतूल के प्रभारी महात्मा सौम्यानंद, महात्मा भावनानंद, महात्मा सुजाता बाई, महात्मा निरंजना बाई, महात्मा महादेवी बाई ने प्रवचन दिए।
संतों ने अपने प्रवचनों में गीता, रामायण, वेद, उपनिषद और सर्वधर्म ग्रंथों के आधार पर जीवन को धर्ममय बनाने का संदेश दिया। उन्होंने मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा चलाए जा रहे मिशन एजुकेशन, वृक्षारोपण, रक्तदान, कंबल और फल वितरण तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भोजन सामग्री वितरण जैसे कार्यों का उल्लेख किया।
बैतूल जिले के प्रभारी महात्मा सौम्यानंद ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भौतिक साधनों की प्रचुरता के बावजूद मानव के मन में शांति नहीं है। उन्होंने प्रभु के पावन नाम के अजपा जाप द्वारा मानसिक शांति प्राप्त करने का सुझाव दिया। साथ ही बैतूल जिले में तेजी से बढ़ रहे धर्मांतरण पर चिंता व्यक्त करते हुए इस पर रोक लगाने की अपील की।
महात्मा सुजाता बाई ने जबलपुर से पधारकर सद्गुरुदेव सतपाल महाराज द्वारा आयोजित सद्भावना सम्मेलनों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने धर्मप्रेमी बंधुओं को सद्गुरुदेव की शिक्षाओं से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। कार्यक्रम के अंत में आरती और प्रसाद वितरण के साथ विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इस आध्यात्मिक सत्संग समारोह ने धर्म और मानव सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।
आध्यात्मिक सत्संग समारोह में मुलताई विधानसभा क्षेत्र के विधायक चंद्रशेखर देशमुख, विधानसभा क्षेत्र घोड़ाडोंगरी की विधायक गंगा सज्जनसिंह उईके, पंडित राजेश पाठक भाजपा कार्यकर्ता मुलताई, भाजपा युवा मोर्चा जिला बैतूल के अध्यक्ष भास्कर मगरदे, वरिष्ठ व्यापारी मुकेश खंडेलवाल, नगरपालिका परिषद बैतूल की अध्यक्ष पार्वती बाई बारस्कर, ताप्ती दर्शन बैतूल से संजय शुक्ला, राजाभोज महाविद्यालय भारत भारती जामठी के डायरेक्टर नीरज गलफट, रामकुमार वर्मा, तरुण शर्मा तथा शाखा के वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित रहे। इस आयोजन में मानव सेवा दल, युथ विंग, शाखा आश्रम विभाग के कार्यकर्ता, जिले के सुदूर क्षेत्रों और अन्य जिलों से आए धर्मप्रेमी बंधुओं ने भाग लिया। सत्संग में लगभग 5000 लोगों ने हिस्सा लिया और संत महात्माओं के विचारों से लाभान्वित हुए।