प्रदेश की आवाज

मनरेगा का संचालन करने वाले मेठों को पहचान दिलाने होगा आंदोलन

21 जनवरी को करेंगे जिला पंचायत का घेराव


बढती महंगाई में मनरेगा में 200 दिन काम एवं कलेक्टर दर पर मजदूरी देना जरूरी: वासुदेव शर्मा


छिंदवाड़ा — दीन दयाल पार्क में मनरेगा मेठ संगठन के पदाधिकारियों की बैठक अध्यक्ष मधु कुमार यादव की अध्यक्षता एवं लोकप्रिय श्रमिक कर्मचारी नेता वासुदेव शर्मा की विशेष उपस्थित में संपन्न हुई, जिसमें ब्लॉक बिछुआ से ओमप्रकाश वर्मा, चौरई ब्लाक से राजेश वर्मा, तामिया ब्लाक से इंगलेश उईके,
परासिया ब्लाक से राजेश कहार,
जुन्नारदेव ब्लाक से प्रमुख कुशराम, मोहखेड़ ब्लाक से अमीन खान, छिंदवाड़ा ब्लाक से गजेंद्र मालवी, अमरवाड़ा ब्लाक से अजय विश्वकर्मा, हर्रई ब्लाक से राजेश बट्टी सहित सभी प्रमुख ब्लाक अध्यक्ष उपस्थित रहे।


बैठक में जिला अध्यक्ष मधु कुमार यादव ने संगठन को सक्रिय कर मेठों के साथ होते आ रहे आर्थिक अन्याय के खिलाफ ब्लाक स्तर पर अभियान चलाने एवं 21 जनवरी को जिला पंचायत का घेराव करने का प्रस्ताव रखा, जिसे ब्लाक अध्यक्षों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर 5 जनवरी को बिछुआ ब्लाक की बैठक शंकरवन में करके अभियान की शुरूआत की जाएगी और इसके बाद सभी ब्लाकों की बैठकें की जाएंगी, इन बैठकों में वासुदेव शर्मा एवं मघु कुमार यादव मुख्य रूप से उपस्थित रहेंगे।


मेठ पदाधिकारियों से संवाद करते हुए वासुदेव शर्मा ने कहा कि मनरेगा का श्रमिकों के जरिए संचालन कराने वाले मेठों की पंचायत में कोई पहचान नहीं है, इसलिए आप लोगों को मेठों को पहचान दिलाने के लिए नियुक्ति पत्र हासिल करना होगा, इसके साथ ही मनरेगा में 200 दिन काम एवं कलेक्टर दर पर मजदूरी दिलाने के लिए मेठ एवं श्रमिकों को मिलकर आंदोलन करना होगा, तभी मेठों को पहचान मिलेगी और मानदेय तय हो सकेगा।


श्रमिक नेता वासुदेव शर्मा ने कहा कि सरकारें पंचायती राज व्यवस्था को कमजोर एवं अधिकार विहीन करने का काम कर रही हैं, सरपंचों के अधिकार छीने भी जा चुके है, अब पंचायतों के नागरिकों के रोजगारों को खत्म कर उन्हें अधिकारविहीन हितग्राही बनाया जा रहा है, गरीब परिवार को 24 हजार रूपए देने वाली मनरेगा बंद पडी है, उसमें मांगने पर भी काम नहीं मिल रहा, मनरेगा के बजट में लगातार कटौती की जा रही है, जिससे पंचायतें आर्थिक रूप से कमजोर हुई हैं और ग्रामीण मजदूरों को काम भी नहीं मिल पा रहा है।


शर्मा ने कहा कि सरकार ने गरीब परिवार को 24 हजार रूपए देने वाली मनरेगा को कमजोर करके महिलाओं को 1250 रूपए की लाडली लक्ष्मी योजना का झुनझुना पकड़ा दिया है,

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