बाल विवाह और तस्करी रोकथाम की कार्यशाला में 200 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हुईं शामिल
प्रदीपन संस्था और महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त पहल
बैतूल। प्रदीपन संस्था द्वारा बाल तस्करी और बाल विवाह रोकथाम के लिए वन विद्यालय सभा कक्ष में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। महिला बाल विकास विभाग के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में जिले की 200 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में जिला न्यायाधीश शुभम नीमा, जिला विधिक सेवा सलाहकार सोमनाथ राय, एडिशनल एसपी कमला जोशी, और पीएलवी उपस्थित रहे।
संस्था की डायरेक्टर श्रीमती रेखा गुजरे ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जिले में बालिकाओं और महिलाओं के अपहरण एवं तस्करी की घटनाओं को रोकना जरूरी है। जिला विधिक सेवा सलाहकार सोमनाथ राय ने विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाओं और घरेलू हिंसा जैसी समस्याओं के निःशुल्क कानूनी सहायता प्रावधानों की जानकारी दी।
एडिशनल एसपी कमला जोशी ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि वे गांवों में पलायन कर रहे परिवारों को अपने क्षेत्र में ही रोजगार करने के लिए प्रेरित करें और बालिकाओं एवं महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाएं। उन्होंने किसी भी समस्या की स्थिति में पुलिस को सूचित करने का आग्रह किया।
संस्था की काउंसलर दीपमाला खातरकर ने मानव तस्करी के कारणों और उसके दुष्परिणामों पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रोजगार हेतु पलायन करने वालों का पंचायत में पंजीकरण होना चाहिए ताकि शोषण की स्थिति में उन्हें सुरक्षित वापस लाया जा सके। चारू वर्मा ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत बाल विवाह के दुष्परिणामों और रोकथाम के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने देवउठनी ग्यारस के बाद विवाह आयोजनों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई और बाल संरक्षण समिति की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। कार्यशाला के अंत में बाल विवाह के खिलाफ सभी ने शपथ ली। कार्यक्रम का समापन विशाल आर्य और पुनम अतुलकर ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त कर किया।