प्रदेश की आवाज

सूर्यवंशी ढोलेकर कुन्बी समाज की विशाल चुनरी यात्रा में हजारों श्रद्धालु हुए शामिल


बोड़खी माता मंदिर से रेणुका धाम तक निकली चुनरी यात्रा, छावल में हुआ यात्रा का समापन
पदयात्रा में मातृ शक्तियों के सहयोग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

बैतूल। सूर्यवंशी ढोलेवार कुंबी समाज द्वारा इस वर्ष भी भव्य चुनरी यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें 10 हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। यह विशाल धार्मिक यात्रा रविवार, 6 अक्टूबर को सुबह 8 बजे बोड़खी माता मंदिर से प्रारंभ हुई। माता रानी के भक्तों का अपार जनसमूह यात्रा के आरंभ से ही उत्साह से भरा नजर आया। यात्रा का समापन छावल स्थित मां रेणुका धाम में किया गया, जहां भक्तों ने माता रानी की पूजा-अर्चना की और चुनरी अर्पित की। पदयात्रा में मातृ शक्तियों के सहयोग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपने उत्साह और आस्था से वातावरण को धर्ममय बनाया।
सूर्यवंशी ढोलेवार कुंबी समाज के इस धार्मिक आयोजन का समाज और स्थानीय श्रद्धालुओं में विशेष महत्व है। हर वर्ष की तरह इस बार भी हजारों भक्त इस यात्रा का हिस्सा बने। आयोजन समिति ने बताया कि यात्रा की तैयारियां पूरी तरह से सुव्यवस्थित थीं और श्रद्धालुओं के लिए समुचित व्यवस्थाएं की गई थीं। यात्रा के दौरान भक्तगणों ने श्रद्धा के साथ माता रानी की जयकारों के बीच चुनरी चढ़ाई। इस धार्मिक यात्रा ने बोड़खी माता मंदिर से रेणुका धाम तक पूरे रास्ते को भक्तिमय बना दिया।
आयोजन समिति ने बताया कि इस चुनरी यात्रा का सूर्यवंशी ढोलेवार कुंबी समाज के लिए सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है। यह यात्रा धार्मिक आयोजन के साथ समाज को एकजुट करने का भी प्रतीक है। समाज के सभी धर्मप्रेमी बंधुओं और श्रद्धालुओं ने इस आयोजन में भाग लिया, जिससे एकता और धार्मिक उत्साह का अद्भुत नजारा देखने को मिला।
समिति के पदाधिकारियों ने यात्रा के सफल आयोजन और श्रद्धालुओं की भारी भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि हर वर्ष यह यात्रा बड़े ही धूमधाम से निकाली जाती है, और इस बार भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि देखने को मिली है। मां रेणुका धाम में यात्रा के समापन के दौरान माता रानी की विशेष पूजा-अर्चना की गई, जिसमें सभी भक्तजन पूरी श्रद्धा से शामिल हुए। पूजा-अर्चना के बाद सभी श्रद्धालुओं को प्रसादी वितरण भी किया गया, जिसमें हर आयु वर्ग के भक्तों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन में सूर्यवंशी ढोलेवार कुंबी समाज के अलावा अन्य समाजों के धर्मप्रेमी भी बढ़-चढ़कर शामिल हुए। यात्रा में विभिन्न समाजों के योगदान ने इसे और भव्य बना दिया।

news portal development company in india
marketmystique