प्रदेश की आवाज

आमला शहर में बिना पार्किंग के खुल रही बैंक शाखाएं, सडक पर बाधित हो रहा आवागमन

बैंकों की लापरवाही बनी शहर के ट्रैफिक जाम का कारण, स्थानीय नागरिकों का विरोध

नई शाखाओं के लिए कमर्शियल लैंड पर खोलने की मांग


बैतूल। आमला शहर में बैंकों की तेजी से खुल रही शाखाएं अब शहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बन गई हैं। बिना पार्किंग सुविधा के इन बैंकों के खुलने से सड़कों पर वाहनों की भीड़ बढ़ गई है, जिससे आम जनता को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि नागरिकों को मजबूरन कलेक्टर से हस्तक्षेप की मांग करनी पड़ी।
शहर के प्रमुख मार्गों पर स्थित बैंकों की शाखाओं के पास कोई निजी पार्किंग सुविधा नहीं है। परिणामस्वरूप, बैंक आने वाले ग्राहकों को अपनी गाड़ियां सड़कों पर ही खड़ी करनी पड़ती हैं, जिससे लगातार ट्रैफिक बाधित हो रहा है। स्थानीय नागरिकों ने इस समस्या को लेकर बैतूल जिला प्रशासन से भी शिकायत की है।
कलेक्टर से की गई शिकायत
शहर के नागरिकों द्वारा दिए गए ज्ञापन में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि बैंकों द्वारा जो स्थान किराए पर लिया जा रहा है, वहां पार्किंग के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। सड़कों पर वाहनों के खड़े होने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह से अव्यवस्थित हो रही है, जिससे आए दिन जाम की स्थिति बनती है। नागरिकों ने कलेक्टर से मांग की है कि सभी बैंकों को निर्देशित किया जाए कि वे अपनी नई शाखाएं खोलने से पहले पार्किंग की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें।
नागरिकों की मांग: केवल कमर्शियल लैंड पर हो बैंक शाखाओं का संचालन
आमला के नागरिकों का कहना है कि बैंक शाखाओं को केवल कमर्शियल लैंड पर ही संचालित किया जाए, ताकि उनके पास पार्किंग की समुचित व्यवस्था हो और ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके। उन्होंने कहा कि अगर नई बैंक शाखाओं को बिना पार्किंग सुविधा के अनुमति दी जाती है, तो इससे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और अधिक खराब हो जाएगी।
सड़क पर खड़े वाहनों से हो रही परेशानी
शहर के प्रमुख बैंकों के पास सड़कों पर खड़ी गाड़ियों की वजह से पैदल यात्रियों को भी परेशानी हो रही है। खासकर बाजार और व्यस्त इलाकों में बैंकों के आसपास खड़ी गाड़ियों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। इससे आम जनता का जीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि व्यापारियों को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है, क्योंकि जाम के चलते ग्राहकों का आना-जाना भी मुश्किल हो जाता है।
बैंकों की जिम्मेदारी तय करने की मांग
नागरिकों ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि बैंक प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, ताकि वे अपनी शाखाओं के आसपास पार्किंग की उचित व्यवस्था करें। उन्होंने सुझाव दिया है कि नई शाखाओं को खोलने के लिए बैंकों को ऐसी जगह आवंटित की जाए, जहां पार्किंग के साथ-साथ यातायात व्यवस्था भी बाधित न हो।
आमला के नागरिकों की इस गंभीर समस्या पर प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को पुनः सुचारू किया जा सके और बैंक ग्राहकों व आम जनता दोनों को राहत मिल सके।
— अपर कलेक्टर ने दिए थे पार्किंग व्यवस्था के आदेश–
इस मामले में अधिवक्ता राजेंद्र उपाध्याय ने बताया कि पुराना थाना परिसर फिलहाल खाली पड़ा है, अगर प्रशासन चाहे तो वहां पर पार्किंग की व्यवस्था की जा सकती है। नगर पालिका कार्यालय के पीछे भी काफी जगह खाली है, जहां फेंसिंग की गई है, और मुख्य बाजार में जहां रोड पर गाड़ियां पार्क होती हैं, उस स्थान को भी पार्किंग के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। मैंने इस मामले में पहले भी एक शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके बाद अपर कलेक्टर ने नगर पालिका, जनपद पंचायत और सिविल चिकित्सालय आमला में पार्किंग व्यवस्था के आदेश दिए थे, लेकिन अभी तक इन आदेशों का पालन होते हुए नजर नहीं आया है। बैंक के सामने खड़ी गाड़ियों के कारण यातायात प्रभावित होता है और गांव से आने वाले गरीब लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। समस्या का समाधान बैंक या प्रशासन को करना चाहिए। दुख की बात यह है कि आईपीसी में सड़क पर खुले में गाड़ी खड़ी करना अपराध की श्रेणी में आता है, लेकिन पुलिस कभी भी इस पर कोई चालान या कार्रवाई नहीं करती। पुलिस को भी इस दिशा में सख्त कदम उठाने चाहिए।

news portal development company in india
marketmystique