मोईज फकरी ने 88वीं बार रक्तदान कर पेश की मानवता की मिसाल
बैतूल। कहते हैं परोपकार से बड़ा दूसरा कोई धर्म नहीं होता। एक गरीब आदिवासी परिवार ओ-नेगेटिव रक्त के लिए भटक रहा था क्योंकि उसका ऑपरेशन रुका हुआ था। ऐसे में ओ-नेगेटिव रेयर ग्रुप होने के कारण यह रक्तदाता ढूंढना रेत में सुई ढूंढने के बराबर था।
ऐसे समय में एक संदेश पर रक्त क्रांति टीम के मोईज फकरी ने हनुमान जयंती पर 88वीं बार रक्तदान करके आपसी एकता व सद्भाव की मिसाल पेश की। इस अवसर पर समाजसेवी मुकेश गुप्ता, ब्लड बैंक के राजेश बोरखड़े, शैलेंद्र बिहारिया ने 88वीं बार रक्तदान करने पर उन्हें बधाई प्रेषित की।
इस अवसर पर रक्त क्रांति टीम के शैलेंद्र बिहारिया ने कहा कि मोईज फकरी हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में हमेशा से प्रेरणा स्रोत रहे हैं। उन्होंने मासूम वैष्णवी, थैलेसीमिया पीड़ित अंकित के लिए कई बार रक्तदान किया है। उन्होंने कहा कि 88वीं बार रक्तदान कर श्री फकरी ने एक रिकॉर्ड बनाया है। जरूरतमंद को अपना लहू देकर उन्होंने कई लोगों का जीवन बचाया है।
संकट के वक्त मोईज फकरी काम आते हैं। ओ-नेगेटिव रक्त वे एक ऐसे रक्तदाता हैं जो एक संदेश पर ही रक्तदान करने पहुंच जाते हैं। उनके इस कार्य पर दीपू सलूजा, पंजाब राव गायकवाड़, पिंकी भाटिया, हिमांशु सोनी ने बधाई दी है।
