



लक्ष्य पाने के लिए जुनून होगा तो सफलता मिलना तय: बंटी वाडिवा
-कौन बनेगा करोड़पति में हाट सीट पर पहुंचकर 50 लाख जीतकर अपने शिक्षण संस्थान सृष्टि कम्प्यूटर सेंटर पहुंचे बंटी वाडिवा
– सृष्टि कम्प्यूटर संस्थान के पूर्व छात्र रहे बंटी वाडिवा का रामचरित मानस भेंट कर सम्मान करते संचालक जीतेंद्र पेसवानी एवं शिक्षक।
– बंटी वाडिवा जिस कक्ष में पढ़ते थे उसमें उनका तिलक लगाकर सम्मान किया गया।
बैतूल। लक्ष्य पाने के लिए आपके अंदर जुनून होगा तो सफलता मिलना तय है। संसार मे हर व्यक्ति के जीवन में लक्ष्य जरूर होता है। इसे पाने के लिए सब जी तोड़ प्रयास करते हैं, लेकिन जरुरी नहीं है कि पहले प्रयास में ही हमें अपने लक्ष्य में सफलता मिल ही जाए। अपने मन, मस्तिष्क को नई ऊर्जा के साथ लक्ष्य पाने में लगाएं आपको मंजिल जरूर मिलेगी। यह बात कौन बनेगा करोड़पति टीवी शो में 50 लाख रुपये जीतने वाले बैतूल जिले के असाड़ी गांव निवासी बंटी वाडिवा ने शनिवार को बैतूल के सृष्टि कम्प्यूटर संस्थान में आयोजित सम्मान कार्यक्रम में कही। बैतूल के सृष्टि कम्प्यूटर संस्थान से तीन वर्ष तक बीसीए की पढ़ाई करने वाले बंटी वाडिवा कौन बनेगा करोड़पति शो में 50 लाख रुपये जीतने के बाद अपने शिक्षण संस्थान, शिक्षकाें को नहीं भूले और उनसे मिलने के लिए पहुंच गए। गरिमामय कार्यक्रम में सृष्टि कम्प्यूटर संस्थान के संचालक जीतेंद्र पेसवानी ने पुष्पहार पहनाकर उनका सम्मान किया और हाट सीट पर पहुंचकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने के लिए बधाई दी। बीसीए की पढ़ाई करने के दौरान बंटी वाडिवा कक्ष क्रमांक 5 में बैठते थे, उन्होंने उसी कक्ष में जाकर छात्र-छात्राओं से चर्चा करने की मंशा जताई। कक्ष क्रमांक 5 में पहुंचकर उन्होंने छात्र छात्राओं का मार्गदर्शन किया। संस्थान के संचालक एवं शिक्षकों ने उन्हें रामचरित मानस भेंट कर उज्जवल भविष्य की कामना की।
कौन बनेगा करोड़पति शो में पहुंचकर 50 लाख रुपये जीतने वाले बंटी वाडिवा ने छात्र -छात्राओं से कहा कि वे अपने जीवन का कोई लक्ष्य बनाएं। लक्ष्यविहीन जीवन बिना पतवार की नाव के समान इधर-उधर भटकता रहता है। हमारा जीवन पक्षी है जो केवल थोड़ी ही दूर तक उड़ सकता है, लेकिन इसने पंख फैला दिए हैं, हमारा काम यह कि इस उड़ान की दिशा तय कर लें। देखें फिर सफलता आपके क़दमों में होगी। संघर्ष सबके जीवन में होता है लेकिन उसे अपने उपर हावी होने देंगे तो आपके मन में नकारात्मक भाव अधिक आ जाएंगे। नाकामियों का आप पर नकारात्मक असर नहीं होना चाहिए। लक्ष्य को हासिल करने में कितना भी समय लग रहा है, उससे विचलित होने की जरुरत नहीं है। इस मौके पर संस्थान के शिक्षक प्रशांत शुक्ला, विजय मालवीय, द्वारिका बारस्कर, रवीना सिसोदिया, विजय पाठेकर, उर्वशी धोटे, दिव्या मांगुलकर, नीतू उइके, प्रमिला इवने सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।