डॉ. संदीप गोहे की अगुवाई में एसआईएफ बैतूल टीम पहुंची दिल्ली
जंतर-मंतर पर जुटे हज़ारों पुरुष, पुरुष आयोग और समान कानूनों की उठी मांग
बैतूल। नई दिल्ली के जंतर मंतर पर रविवार को पुरुषों के अधिकारों और पारिवारिक संतुलन की मांग को लेकर आयोजित ‘पुरुष सत्याग्रह आंदोलन ने इतिहास रच दिया। सेव फैमिली फाऊंडेशन के तत्वावधान में और सेव इंडियन फैमिली मूवमेंट से जुड़ी 40 से अधिक संगठनों की भागीदारी में यह अब तक का सबसे बड़ा पुरुष-समर्थक आंदोलन बना। इस ऐतिहासिक सत्याग्रह में देशभर से हज़ारों पुरुषों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों ने एकत्र होकर समाज में पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक शांति, जेंडर न्यूट्रल कानूनों और पुरुष आयोग की मांग को लेकर अपनी आवाज़ बुलंद की।
बैतूल जिले से एसआईएफ बैतूल टीम ने इस आंदोलन में विशेष भागीदारी निभाई। टीम के संस्थापक डॉ. संदीप गोहे के नेतृत्व में बैतूल से एक सशक्त टोली दिल्ली पहुंची और मंच से पुरुषों की पीड़ा और मौन दर्द को समाज के सामने रखने का प्रयास किया। मंच से संबोधित करते हुए डॉ. संदीप गोहे ने पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या जैसे संवेदनशील मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश में पुरुषों की मानसिक पीड़ा को अब तक गंभीरता से नहीं लिया गया है। वह लगातार कानूनी, पारिवारिक और सामाजिक दबावों से गुजर रहे हैं, जिनकी वजह से वे अवसाद और आत्महत्या की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से पुरुषों की समस्याओं के समाधान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ठोस कदम उठाने की अपील की।
इस आंदोलन में बैतूल से भाग लेने वालों में डॉ. संदीप गोहे के साथ चंद्रप्रकाश झारे, डॉ. जावेद खान, डॉ. किशोर पांडोले, राजेश उपराले, विजय साहू, मुकेश झारखंडे, हरिप्रसाद पिपले, शंकर मालवीय, रूपेश पवार और कचेश्वर गुर्जर शामिल रहे। इन सभी ने मिलकर बैतूल की दमदार उपस्थिति दर्ज करवाई और आंदोलन को सशक्त बनाया।
आंदोलन के दौरान पुरुषों के समर्थन में चार प्रमुख मांगे भी रखी गईं। देश में राष्ट्रीय पुरुष आयोग का गठन, जेंडर न्यूट्रल कानूनों में संतुलन और उनके दुरुपयोग की रोकथाम, पति-पत्नी जैसे शब्दों की जगह सहभागी या संपूर्णक जैसे समावेशी शब्दों का प्रयोग और संयुक्त अभिभावकता को सुनिश्चित करने हेतु समुचित कानूनों की स्थापना। सेव इंडियन फैमिली मूवमेंट द्वारा पुरुषों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 8882498498 भी जारी किया गया है, जिस पर पारिवारिक या मानसिक उत्पीड़न से परेशान पुरुष संपर्क कर सकते हैं।

