




आज गांधी सागर अभयारण्य में एक नया इतिहास रचा गया है चीता पुनर्वास की दृष्टि से अभयारण्य में दो चीते “प्रभाव” और “पावक” छोड़े गए
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सभी प्रदेश और देशवासियों को बधाई दी
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की आबोहवा चीतों के लिए अनुकूल है, वन्य प्राणियों के संरक्षण की दिशा में प्रदेश में लगातार कार्य हो रहे हैं । अभयारण्य के माध्यम से रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे । उन्होंने कहा कि मई माह में बोत्सवाना से 04 चीते और आएंगे ।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि आज गांधी सागर अभयारण्य में ‘प्रभास और पावक’ दोनों चीतों को रफ्तार भरते हुए देखकर मन आनंदित है कि हमारे मध्यप्रदेश की धरती जैव विविधता को संवर्धित करने का आदर्श केंद्र बन चुकी है।
उन्होंने कहा कि यह दृश्य हमारी सरकार द्वारा पारिस्थितिकी संतुलन के प्रयासों की सफलता का प्रतीक भी है, जो मानव, प्रकृति और वन्यजीव के बीच सामंजस्य की अद्भुत मिसाल बनेगा।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कूनो के बाद अब गांधीसागर प्रदेश का दूसरा चीता अभयारण्य बन गया है, इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई।
इस अवसर पर प्रदेश के माननीय उपमुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा जी, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सत्यनारायण जटिया जी, सांसद श्री सुधीर गुप्ता जी, विधायक श्री अनिरुद्ध मारू जी सहित अन्य गणमान्य साथी उपस्थित रहे।