रामलीला में धनुष यज्ञ की लीला को कलाकारों ने अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन से बनाया जीवंत
रामलीला के चौथे दिन हुआ धनुष यज्ञ, सीता स्वयंबर और लक्ष्मण-परशुराम संवाद का मंचन
बैतूल। श्री कृष्ण पंजाब सेवा समिति के तत्वावधान में जिला सीधी के कलाकारों द्वारा आयोजित किये जा रहे 67वें श्री रामलीला महोत्सव के चौथे दिन शनिवार रात्रि धनुष यज्ञ एवं लक्ष्मण परशुराम संवाद की लीला देखकर दर्शक रोमांचित एवं भाव विभोर हो गए। सीता स्वयंवर के लिए बनाया गया भव्य मंच सभी दर्शकों को आकर्षित कर रहा था।
सीता स्वयंवर के बाद जब भगवान श्रीराम ने मां सीता को वरमाला पहनाने के लिए भगवान शिव का धनुष उठाकर उसको तोड़ा तो मिथिला नरेश राजा जनक का मनोरथ पूर्ण होने पर पूरा मैदान जय श्री राम के जयघोष से गुंजायमान हो गया। भगवान शिव का धनुष टूटने पर क्रोधित परशुराम राजा जनक के दरबार में अपना फरसा उठाये पहुंचे तो लक्ष्मण के कटु वचनों ने उनके क्रोध की ज्वाला को और भड़काया।
रामलीला में राजा जनक अपनी पुत्री सीता जी के लिए योग्य वर की तलाश करने शर्त रखते हैं कि जो भी वीर भगवान शिवजी का धनुष तोड़ देगा, वह सीता जी का जीवन साथी बनेगा। इस चुनौती पर बड़े-बड़े शूरवीर धनुष तोड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन तोड़ना तो दूर हिला तक नहीं पाते। इस ग्लानी में डूब कर राजा जनक मौजूद शूरवीरों को चुनौती देते हैं। चुनौती को सुनकर लक्ष्मण जी तैश में आ जाते हैं। वे कहते हैं कि आपने चुनौती देकर भूल कर ली है।
यदि भगवान आदेश दें तो अभी इसे तोड़ कर दिखा सकते हैं। उन्होंने उसी समय यह प्रतिज्ञा भी ली कि वे यदि इसे नहीं तोड़ पाए तो कभी धनुष नहीं उठाएंगे। इसके बाद विश्वामित्र जी किसी अनर्थ की आशंका से भगवान राम को भिजवाते हैं। भगवान राम को धनुष तोड़ने आते देख महारानी सुनैना, अन्य रानियां और दासियां व्यंग्य करती हैं। दूसरी ओर सीता जी मां गौरी से प्रार्थना करती है कि भगवान राम से यह धनुष टूट जाएं। भगवान राम आते ही धनुष को तोड़ देते हैं। इसके साथ ही तीनों लोकों में जोरदार गर्जना होती है। इससे परशुराम जी की तपस्या भी भंग हो जाती है। वे क्रोधित होकर यहां पहुंचते हैं और जनक जी से पूछताछ करते हैं।
लक्ष्मण जी के कटु वचन सुनकर वे क्रोधित हो जाते हैं। इस बीच भगवान राम को वे जान जाते हैं। लक्ष्मण और परशुराम के बीच संवाद की लीला ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। धनुष यज्ञ लीला में सभी कलाकारों ने अदभुत अभिनय प्रतिभा का प्रदर्शन कर इस लीला का सजीव चित्रण दर्शकों के सम्मुख करते हुए उनको मंत्रमुग्ध कर दिया।
दुल्हा बनेंगे भगवान श्रीराम
रविवार को भगवान राम और सीता मैया का विवाह होगा। शाम को श्री कृष्ण मंदिर बैतूल गंज (अयोध्या) से भगवान राम की बारात निकलेगी जो कि (जनकपुरी) माता मंदिर पेट्रोल पम्प बैतूल गंज पहुंचेंगी। राम बारात में जनप्रतिनिधि, समिति पदाधिकारी और नागरिक शामिल रहेंगे। बारात के जनकपुरी पहुंचने पर भव्य स्वागत किया जाएगा। इसके बाद रात्रि 8 बजे श्रीराम और सीता जी का विवाह होगा। यहां से भगवान राम, सीता जी को लेकर रामलीला मंच पर आएंगे। यहां राम कलेवा और विवाह के बाद होने वाली अन्य पारम्परिक रस्में पूरी की जाएंगी। आयोजन समिति ने नागरिकों से अधिक से अधिक संख्या में राम बारात में शामिल होने की अपील की है।