बीजासनी मंदिर में संपन्न हुआ दुर्गासप्तशती हवन व भंडारा ,
हवन कुंड में साक्षात प्रकट होती है माता ग्रहण करती है श्रंगार
नवमी के भंडारे प्रसादी की है अद्वितीय महिमा, सैकड़ों परिवार छोड़ते हैं प्रसादी से उपवास
विधिविधान से दशमी विसर्जन पर होता है ज्वारों का मां ताप्ती से मिलन
दशमी पर कृपास्वरूप वितरित किए जाते है मां के जवारे
बैतूल। बैतूल गंज स्थित बीजासनी माता मंदिर में शारदीय नवरात्र का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। 460 श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योत जलवाई, माता के स्वरूप रूपी जवारे रखवाए, जिनकी सेवा पूजा समिति के सदस्यों ने अत्यंत मनोयोग व भक्तिभाव से की, जिसका प्रतिफल समृद्ध ज्वारों के रूप में दिखा। मंदिर की सायंकालीन आरती पूरे नगर में चर्चा का विषय बनी हुई है, जहां प्रतिदिन मां वैष्णो के दरबार में भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे आरती के माध्यम से भक्तों की अर्जी लगाई गई। नवरात्र में मंदिर में विराजित सभी माताओं का दिन में दो बार विशेष श्रृंगार किया जाता है जो अपने आप में अद्वितीय है। जो भक्तगण यहां मनोकामना के लिए अखंड ज्योत जलवाते हैं वे नवमी पर दुर्गासप्तशती के हवन में भी सम्मिलित होकर अपनी अर्जी लगाते हैं एवं मां की कृपा से उनकी मनोकामना पूरी होती है। बीजासनी
मंदिर में दुर्गासप्तशती का हवन अत्यंत विधिविधान से पंडित दीपक शर्मा ने संपन्न करवाया। हवन के विधान पर प्रकाश डालते हुए श्री शर्मा ने बताया कि दुर्गा सप्तशती के प्रत्येक अध्याय में विशेष आहुतियों का अपना महत्व है जिसे माता साक्षात प्रसन्नतापूर्वक ग्रहण करती है जिसका प्रतिफल भी उसकी कृपा के रूप में दिखता है, यही कारण है कि यहां अखंड ज्योत जलवाने वाले भक्तगणों में प्रतिवर्ष वृद्धि हो रही है। नवमी के भंडारे के बारे में भक्तगणों का मानना है कि जो स्वाद यहां के भंडारे प्रसादी में होता है वैसा कहीं देखने को नहीं मिलता है, नवमी पर 5000 से अधिक धर्मप्रेमियों ने भरपेट बैठकर प्रसादी ग्रहण की। दशमी के दिन जवारे खेड़ी ताप्ती जी में विसर्जित किए जाएंगे तथा सायंकालीन आरती के बाद मां की कृपास्वरूप जवारे वितरित किए जाएंगे। इन ज्वारों को पूजा के स्थान में रखकर पूजन का विधान है एवम यह परिवार की खुशहाली एवं समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। बीजासनी माता मंदिर समिति सभी धर्मप्रेमियों एवं भक्तगणों को धन्यवाद व आभार प्रेषित करती है जिनका प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोग इस नवरात्र महोत्सव में रहा।