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साई बाबा का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान के नारों से गूंजा एसडीएम कार्यालय

बनारस एवं लखनऊ मेँ साईं बाबा की प्रतिमा हटाने के विरोध परासिया साईं भक्तो ने दिया राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन

साईं बाबा का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान के नारों से गूंजा एस.डी.एम. कार्यालय परासिया

हिंदू को हिंदू से लड़वाने की साजिश नहीं चलेगी कहा साईं भक्तो ने

परासिया

टीवी समाचारों में बताया गया कि बनारस एवं लखनऊ में साईं बाबा के मंदिरों से साई बाबा की प्रतिमाओ को हटाया जा रहा है।

आपको बता दें भारत देश में साईं बाबा को सैकड़ो वर्षों से हिन्दू,मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्म के लोग मानते हैँ जिसमें विशेष कर हिंदू समुदाय के लोग के दिलों में साईं बाबा के प्रति एक अटूट आस्था श्रद्धा एवं विश्वास है। समूचे पूरे भारत देश में साईं बाबा के करोड़ों की संख्या के ऊपर के भक्तगण हैं। इसी के चलते पूरे भारत देश में साईं बाबा के मंदिरों का निर्माण करवाया गया है। जहां नित्य प्रतिदिन श्रद्धालु अपनी आस्था लेकर के साईं बाबा का पूजन पाठ करते हैं। सनातनी विशेष कर साईं बाबा कों गुरु के तोर पर मानते हैँ। अपने दिलो से साईं कों साईं राम कहकर भजते हैँ। और साईं बाबा से अपनी मनोकामना कों पूरी करवाते हैं।

हिंदू को हिंदू से लड़वाने की साजिश

सनातन धर्मी जोकि सभी संस्कृतियों को अपना मानकर चलते हैं एवं सभी पद्धतियों एवं बहुत से गुरुओं को एक साथ मानते हैं क्योंकि हिंदू धर्म में 33 कोटी देवी देवता है। ऐसे में किसी विशेष एक को सनातन धर्म का ना होना बताकर और गैर मूल का आरोप लगाकर भक्तों की भावना से खेला जा रहा है। इसके साथ ही भक्तों को बरगलाया भी जा रहा है। साईं बाबा ने कभी यह नहीं कहा कि वह भगवान है या उनकी पूजा की जाए लेकिन भक्त अपने गुरु के प्रति अपनी आस्था श्रद्धा विश्वास रखते हुए उनको पूजतें हैँ। भारत देश में समस्त साईं मंदिरों में साईं बाबा की पूजन पद्धति सनातन धर्म पद्धति के अनुसार ही पूजन किया जाता है।

वर्तमान के परिदृश्य में साईं बाबा की मूर्तियों को तोड़ना मूर्तियों को खंडित करने की दूरभावना तानाशाही रवैया दर्शाता है जबकि भारत में सभी पूजा पद्धति वालों को रहने का मूल अधिकार है। और संविधान ने भी इसे धार्मिक स्वतंत्रता के अंतर्गत परिभाषित किया हैँ ऐसे में मूर्ति को तोड़ना संविधान का उल्लंघन है। एवं इससे हिंदुओं के अंदर पर भेद उत्पन्न हो रहा है और हिंदुओं के दो समुदाय बनकर के आपस में लड़ने को तैयार हो रहे हैं

इस वर्ग संघर्ष की भूमिका बो लोग बना रहे हैं जो साईं बाबा के खिलाफ आंदोलन चला रहे हैं। आने वाले समय में अगर यह संघर्ष बढ़ता है तो जान माल की हानि जिम्मेदारी किसकी होगी..? हिंदुओं को पहले से ही जातिओ में बांट रखा है और अब गुरु के नाम पर बाटा जा रहा है. हैरानगी तो तब होती जब शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जो स्वयं को जगत गुरु कहते हैँ और सनातन धर्म के ध्वज वाहक बनकर वसुधेव कुटुंबकम जैसे वाक्य बोलते हैं। वे इस विभेद कों बढ़ाने का काम कर रहे हैं और लोगों को साईं बाबा के खिलाफ भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। क्या साईं बाबा के मंदिरों से प्रतिमा को हटाने से भक्त जनों के अंदर की आस्था एवं श्रद्धा समाप्त हो जाएगी। बिल्कुल नहीं होगी किंतु इससे साईं बाबा को मानने वाले भक्तगण पूरे ढंग से शंकराचार्य को मानना बंद कर देंगे उन पर किसी भी रूप से विश्वास नहीं करेंगे इस तरह हिंदू धर्म कि महत्वपूर्ण शाखा शंकराचार्य पीठ पर हिंदुओं को ही आविश्वास हो जाएगा। इसीलिए शंकराचार्य से भी निवेदन किया जाता है कि वह साईं भक्तों को भड़काने का प्रयास बंद करें। माननीय महामहिम राष्ट्रपति महोदया भी ब्रह्म कुमारी पंत को मानती हैं। और वह अच्छा कार्य भी कर रही हैँ किंतु कल को शंकराचार्य बोलेंगे कि वह सनातन धर्म के अनुसार नहीं है तो क्या उस पर भी इस तरह की स्थितियां नहीं आएगी. क्योंकि शंकराचार्य जी ब्रह्माकुमारी को वेद युक्त नहीं मानते हैं। हिंदुओं को लड़वाने का कार्य तत्काल बंद किया जाए।

साईं बाबा की प्रतिमाओं को बनारस एवं लखनऊ से हटाने के विरोध में आज जिला छिंदवाड़ा परासिया के समस्त साईं भक्तों ने एकत्र होकर के परासिया एसडीएम कार्यालय पहुंचे जहां महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम लिखित ज्ञापन तहसीलदार महोदय को दिया ज्ञापन देते समय जिले के सक्रिय समाज सेवी रिंकू रितेश चौरसिया, दर्शन अरोरा, चंद्रभूषण डेहरिया, बसंत मालवीय,गुड्डू जगदीश चौरसिया, नरेश शर्मा, रामनारायण तिवारी,मूकेश दुबे, राजेश निर्मलकर, अशोक डेहरिया, नरेश राठौर, नितेश साहू, नीरज सोनी, कालू खंडूजा, विनय यादव, सोना मुकुल दुबे, शैलेंद्र सिंह, महेश सूर्यवंशी, दीपक दुबे, खुशी दुबे संकेत शर्मा, रमेश दुबे, सरोज चौहान, प्रीति चौराहे, राजवीर डेहरिया, देवेंद्र मालवी,, जयंत पवार, रूपेश यादव, राजकुमार पांडे, विकास शर्मा, भूपेंद्र यादव, राजा साहू, राजा सारंगे, मोनी वर्मा, एवं सैकड़ो की तादात में साईं भक्त उपस्थित हुए।

साईं भक्तों का कहना है कि यदि मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा को हटाने का कार्य तत्काल बंद नहीं किया गया तो वह कल उग्र आंदोलन की ओर अग्रसर होंगे।

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