प्रदेश की आवाज

आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम ने सौंपा ज्ञापन

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात कर MP.मे PESA Act के क्रियान्वयन को लेकर मप्र आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने सौंपा ज्ञापन

भोपाल/ दिल्ली

दिल्ली के लोकनायक भवन में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष मा. श्री अंतर सिंह आर्य जी से मप्र आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम ने मुलाकात कर मप्र के आदिवासी मुद्दों पर चर्चा की और ज्ञापन सौंपा।

श्री टेकाम ने ज्ञापन में बताया कि मध्य प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में पेसा कानून को सरकार और प्रशासन द्वारा महत्व नहीं दिया जा रहा है, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के आदिवासी वर्ग के विकास के लिए पेसा कानून लागू किया गया। परन्तु आज तक धरातल पर पेसा कानून का क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। ग्राम सभा, पेशा कानून द्वारा पारित प्रस्तावों को प्रशासन अमल में नहीं ला रहा है।
श्री टेकाम ने कहा कि प्रदेश में पेसा कानून के तहत, आदिवासी समुदायों को स्वशासन की अधिकार और ज़्यादा भूमिका दी जाती है. इस कानून के तहत, आदिवासी समुदायों के पारंपरिक सामाजिक-आर्थिक अधिकारों को मान्यता दी गई है. पेसा कानून के तहत, आदिवासी समुदायों को ये अधिकार मिले हैं:
सरकार की किसी भी योजना में ज़मीन अधिग्रहण या सर्वेक्षण के लिए ग्राम सभा की अनुमति लेनी होती है.
आदिवासी समुदायों के जल, जंगल, ज़मीन पर उनका पूरा अधिकार है.
ग्राम सभाओं को स्थानीय सामाजिक, शिक्षा, छात्रावास, आंगनवाड़ी, अस्पताल आदि की निगरानी का अधिकार है.
गांवों में वनोपज का प्रबंधन ग्राम सभा करती है.
श्री टेकाम ने ज्ञापन में बताया कि ग्राम सभाओं को वनोपज के संग्रह और बिक्री का अधिकार है.
ग्राम सभाओं को विकास योजनाओं को मंज़ूरी देने का अधिकार है.
ग्राम सभाओं को सामाजिक क्षेत्रों को नियंत्रित करने का अधिकार है.
ग्राम सभाओं को नशीले पदार्थों पर नियंत्रण रखने का अधिकार है.
ग्राम सभाओं को गांव की सीमा के अंदर नशीले पदार्थों के निर्माण, परिवहन, बिक्री, और खपत पर रोक लगाने का अधिकार – यह अधिकार मध्य प्रदेश सरकार ने केवल कागजों पर लागू किया है, (लेकिन मध्य प्रदेश सरकार में पेसा कानून को वर्तमान में किसी भी प्रकार के अधिकार नहीं है, यह चिंता का विषय है।)

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा PESA Act को क्रियान्वयन व अमल में लेने के लिए निर्देशित करने हेतु अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष से अनुरोध करते हुए ज्ञापन पत्र सौंपा। साथ में राहुल उइके जनपद अध्यक्ष घोड़ाडोंगरी भी उपस्थित थे।

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